अभी-अभी बाबा का वो अश्लील विडियो आया सामने,जिसकी वजह से बाबा आज जेल कि हवा खा रहे है..देखे विडियो

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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर एक साध्वी के साथ बलात्कार का अारोप लगा है। ये अारोप 2002 को एक गुमनाम लैटर के जरिए लगाया गया। तब उच्च न्यायालय ने लेटर का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई ने जांच में आरोप सही पाए और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के सामने 31 जुलाई, 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले में डेरा मुखी को जमानत तो मिल गई, लेकिन यह मामला लंबे समय से पंचकुला की सीबीअाई अदालत में चल रहा है।



यहीं नहीं बाबा राम रहीम पर और भी बहुत से संगीन अारोप हैं। माना जाता है कि गुरमीत सिंह राम रहीम का गुरजंत सिंह जोकि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सदस्य है, उससे करीब का संबंध है। राम रहीम पर एक पत्रकार और एक अन्य की हत्या का भी अारोप है। आरोप है कि छत्रपति ने साध्वी बलात्कार मामले को अपने अखबार में छापा तो नवंबर 2002 में उसकी गोली मार कर हत्या कर दी गई। राम रहीम पर ये भी आरोप है कि उन्होंने डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की भी हत्या करवाई, क्योंकि वो डेरे के कई राज जान चुका था।

रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या कर दी गई थी और तब इन दोनों हत्याओं में डेरा सच्चा सौदा का नाम सामने आया था। साध्वी यौन शोषण मामले पर फैसला 25 अगस्त को अाएगा। डेरे के समर्थक एेसे किसी अारोप को नहीं मानते और अपने गुरू की पेशी पर भड़के हुए हैं। समर्थकों का कहना है कि फैसला चाहे जो भी हो वह राम रहीम को अांच तक नहीं अाने देंगे। इसलिए ही सुरक्षा को देखते हुए हरियाणा और पंजाब के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। दोनों प्रदेशों में हाई अर्ल्ड भी जारी कर दिया गया है।

1998में गांव बेगू का एक बच्चा डेरा की जीप तले कुचला गया। गांव वालों के साथ डेरे का विवाद हो गया। घटना का समाचार छापने वाले समाचार पत्रों के नुमाइंदों को भी कथित तौर पर धमकाया गया। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति व मीडियाकर्मियों की पंचायत हुई। इसमें डेरा सच्चा सौदा की ओर से लिखित माफी मांगी गई और विवाद खत्म हुआ।

2002 मई में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए डेरे की एक साध्वी ने गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा। इसकी एक प्रति पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई।

10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत की हत्या हुई। आरोप डेरा प्रबंधन पर लगे। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की।

24सितंबर 2002 को हाईकोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम पत्र का संज्ञान लेते हुए डेरा सच्चा सौदा की सीबीआइ जांच के आदेश दिए। सीबीआइ ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

24 अक्तूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक पूरा सचके संपादक रामचन्द्र छत्रपति को गोली मारी गई। आरोप डेरा समर्थकों पर लगा।16 नवंबर, 2002 को सिरसा में मीडिया की महापंचायत बुलाई गई और डेरा सच्चा सौदा का बहिष्कार करने का प्रण लिया। 21 नवंबर, 2002 को सिरसा के पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मृत्यु हो गई। जनवरी 2003 में पत्रकार छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर छत्रपति प्रकरण की सीबीआइ जांच करवाने की मांग की।

याचिका में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह पर हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया। उच्च न्यायालय ने पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्या मामलों की सुनवाई एक साथ करते हुए 10 नवंबर, 2003 को सीबीआइ को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश जारी किए। दिसंबर 2003 में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी। दिसंबर 2003 में डेरा के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया। नवंबर 2004 में दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेरा की याचिका खारिज कर दी। सीबीआई ने डेरा प्रमुख सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया।

31जुलाई 2007 को सीबीआई ने हत्या मामलों व साध्वी यौन शोषण मामले में जांच पूरी कर चालान न्यायालय में दाखिल कर दिया। सीबीआई ने तीनों मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया। -तीनों मामले पंचकूला स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में विचाराधीन हैं। 2007 से लेकर अब तक इन तीनों मामलों की अदालती कार्रवाई को प्रभावित करने के लिए डेरा सच्चा सौदा ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

यौन शोषण का ये आरोप 15 साल पहले का है. उस समय पीड़िता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भेजे लेटर में लिखा था कि राम रहीम ने उन्हें रात को अपनी गुफा में बुलाया था. इसी मामले में यह फैसला आया है. करीब 100 एकड़ में फैले गुरमीत राम रहीम के आश्रम के लगभग बीचों-बीच कांच और दीवारों से बना एक भवन है, जिसे राम रहीम की गुफा कहा जाता है. गुफा में जाने के लिए दो-तीन और दरवाजे हैं. जहां तक बाबा की गाड़ी सीधे जाती है.

गुफा तक के रास्ते में हर जगह सादे कपड़ों में या फिर बकायदा कमांडो शैली में बंदूक लिए लोग तैनात हैं. राम रहीम की गुफा में शानदार सोफा और चमकदार पर्दों वाला हॉल है.यहां 209 शिष्यायें खास तौर पर चुनी जाती हैं. इन शिष्याओं में से कुछ को ही इस गुफा में आने का अधिकार है. गुफा में जाने के लिए बाकायदा पहचान और बायोमीट्रिक सिस्टम है, तभी दरवाजे खुलते हैं. ये शिष्यायें किसी साध्वी की तरह खास गेरुआ या सफेद रंग के कपड़े पहनती हैं और अक्सर बाल खुले रखती हैं. इसके अलावा ये शिष्याएं बाबा को खाना खिलाने, मुलाकात करवाने, सुबह शाम स्टेज तक लाने का काम करती हैं. बाबा के प्रवचन में भी बाईं तरफ इनके लिए एक खास जगह बनी होती है. प्रवचन वाले हॉल मे यही सब कुछ संभालती हैं और बाहरी हिस्से में दूसरे पुरुष कारसेवक काम करते हैं.

गुरमीत की इस गुफा में बाबा के लिए अलग से तैयार होने की जगह और खास लोगों से मिलने का कमरा भी है. यहीं से गुरमीत के पास कई देशों में सीधे बात करने के लिए हॉटलाइन भी है. इस पूरी गुफा में ऐशो-आराम की हर चीज मौजूद है. झाड़फानूस से लेकर शानदार बाथरुम तक. इसके अलावा जिस गोल स्टेज में बाबा प्रवचन देते हैं उसके नीचे पहिए लगे होते हैं और ऊपर एक हैंडल, जिससे मंच आगे और पीछे जाता है. बाबा भी उसी पर बैठकर सीधे एक चक्कर लगाते और वापस आ जाते. बाबा के कपड़े भी खास डिजाइनर से चंडीगढ़ से बनकर आते हैं. चमकदार और शिफॉन से बने.


राम रहीम के गुफा में एक एनआरआई गेस्ट हाउस भी है. जहां पर शानदार सुईटस ही नहीं, स्विमिंग पूल और रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट भी था. बिल्कुल मुंबई के एंबेसेडर होटल की तरह. इसके अलावा आश्रम में खुद के दो पेट्रोल पंप हैं. आश्रम की गाड़ियों को पर्ची पर सीधे पेट्रोल मिलता है. आश्रम में सब कुछ उगता है. दाल-चावल से लेकर आलू-टमाटर तक. आश्रम में ही कई लोग शर्ट-पैंट और बाकी कपड़े सिलते हैं तो एक जगह पर मसाले भी बनते हैं यानि सब कुछ आश्रम में ही मिल जाता है बाहर जाने की जरुरत ही नहीं.बाबा के आश्रम में अंदर घूमने के लिए बैटरी वाली कार भी हैंस जिससे बाबा आश्रम में घूमते रहते हैं.



इतना ही नहीं आश्रम में एक विशाल वॉशिंग मशीन मौजूद है. किसी बड़े कुएं की तरह जिसमें एक बार में 10 से 15 हजार तक कपड़े धुल सकते हैं. इसे खास तौर पर बनवाया गया है. आश्रम में सीसीटीवी तो था ही इसके अलावा एक कंट्रोल रूम भी है जहां देश के तब के सारे चैनलों की मॉनिटरिंग और गुरमीत से संबंधित खबरों को रिकॉर्ड करने का सिस्टम भी था

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source by-http://www.srishtanews.com
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