रक्षा मंत्री ने पूछा- कितना वक्त लगेगा सेना को तैयार होने में?, अर्जन सिंह ने कहा था- एक घंटे

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1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका वाले वायु सेना प्रमुख अर्जन सिंह का निधन हो गया है। अर्जन सिंह के नाम कई उपलब्धियां जुड़ी हैं। जब पाकिस्तान ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के तहत भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। तो रक्षा मंत्री ने अर्जन सिंह को अपने दफ्तर बुलाया और कहा कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कितना वक्त लगेगा। अर्जन सिंह ने फौरन कहा- एक घंटे। इसके एक घंटे बाद भारतीय वायु सेना के विमान पाकिस्तान पर बम बरसाने लगे थे।



उस पूरी लड़ाई में अर्जन सिंह वायुसेना की अगुवाई की थी। भारत ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर बुरी तरह से हराया। अर्जन सिंह के इस योगदान के लिए उनको पद्म विभूषण दिया गया। इतन ही नहीं, चीफ ऑफ एयर स्टाफ से बढ़ाकर एयर चीफ मार्शल का दर्जा दिया गया। साल 2002 में सरकार ने उनको मार्शल रैंक से नवाजा। इस तरह अर्जन सिंह एयर फोर्स के पहले और एकमात्र फाइव स्टार रैंक के अफसर बने।

अर्जन सिंह ने शनिवार की रात 7 बजकर 47 मिनट पर आखिरी सांस ली। उनको दिल्ली के आर्मी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। अर्जन सिंह ने 44 साल में वायु सेना चीफ बनाए गए थे।

1962 में चीन से जंग का जब आखिरी दौर चल रहा था, तब वह डेप्युटी चीफ ऑफ एयर स्टाफ नियुक्त हुए थे और 1963 में ही वाइस चीफ बन गए। देश की आजाद के टाइम उन्हें वायु सेना के 100 से ज्यादा विमानों के फ्लाई पास्ट की अगुवाई करने का सम्मान मिला।


वायु सेना में अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में भी वह विमान उड़ाते रहे। 1969 में रिटायर होने के बाद उनको स्विट्जरलैंड का राजदूत बनाया गया। 1989 से 1990 के बीच वह दिल्ली के उप-राज्यपाल भी रहे।
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