खुशखबरी: किसानो पर मेहरबान हुई मोदी सरकार, किया किसानो का कर्ज माफ़ – ख़ुशी से झूम उठे किसान

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अपनी ग्यारह सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत प्रदेशभर के किसानों की समस्या आखिर 13वें दिन खत्म हुई। सरकार के साथ दूसरे दिन बुधवार को हुई वार्ता में 50 हजार तक का कर्ज माफ करने की बात पर सहमति बनी। इसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो अन्य राज्यों में किसान कर्ज माफी का अध्ययन कर एक माह में रिपोर्ट सौंपेगी। किसानों के साथ मंगलवार को वार्ता बेनतीजा रहने के बाद बुधवार को एक बजे फिर वार्ता शुरू हुुई।



बैठक में सरकार की ओर से कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, जल संसाधन मंत्री रामप्रताप, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, ऊर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी उपस्थित थे। किसानों की ऋण माफी की मांग पर सरकार की ओर से उपस्थित मंत्रियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी। इसी तरह मुफ्त बिजली पर भी सरकार तैयार नहीं है। किसानों ने दोनों ही मांगों को पुरजोर तरीके से रखा है।

13 दिन से जारी आंदोलन
11 सूत्री मांगों को लेकर किसानों का 13 दिनों से आंदोलन जारी था। किसान पहले कृषि मंडी में महापड़ाव देकर बैठे रहे। सरकार के फिर भी नहीं जागने पर किसान पिछले तीन दिनों से सड़कों पर टैंट लगाकर बैठे हुए हैं।

तीन दिन तक शेखावाटी से कटा रहा प्रदेश, आज से खुलेंगे रास्ते
कर्ज माफी की मांग को लेकर १३ दिन से आंदोलनरत किसानों का चक्काजाम तीसरे दिन बुधवार को भी जारी था, जो देर रात एक बजे सहमति के खत्म हुआ। इससे पहले चक्काजाम के कारण सीकर, चूरू व झुंझुनूं सहित दस जिलों में असर रहा। शेखावाटी के ज्यादातर शहर और कस्बों से प्रदेश का सम्पर्क कटा हुआ था। लोसल इलाके में चक्काजाम के दौरान टै्रक्टर निकालने के प्रयास में एक युवक गंभीर घायल हो गया।

रेनवाल में भी रोकी राह
किसानों ने लूनियावास तिराहे, पचार तिराह एवं इटावा तिराहे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। रेनवाल कस्बे में सीकर वाया रेनवाल, जयपुर सड़क मार्ग एवं रेनवाल से खाटूश्यामजी जाने वाले मार्ग को अवरुद्ध किया।



नागौर जिले के 59 सड़क मार्गों पर बुधवार को किसानों का कब्जा रहा। बीमारों, विद्यार्थियों या मृतकों को लेकर जाने वाले वाहनों को छोड़कर अन्य सारे वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप रहा। इससे जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सब्जियों एवं अन्य सामानों को लेकर आने वाले वाहनों के नहीं आने से आपूर्ति व्यवस्था बाधित होने लगी है। जाम की वजह से जिले के विभिन्न मार्गों पर रोडवेज बसों का आवागमन बाधित है।


बीकानेर जिले में किसान सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग व गांवों से जुड़ती सड़कों पर चक्काजाम किया। चक्काजाम के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रही। इस दौरान बसों के यात्री परेशान होते रहे। किसान अलसुबह ही सड़कों पर आ जमे और सड़कों पर टायर जलाए और पत्थर व लकडिय़ां तथा पेड़ों के तने रखकर मार्गों को अवरुद्ध कर दिया। 
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