हरियाणा बवाल की भरपाई गुरमीत की सम्पत्ति से हुई, अब जयपुर दंगो की भरपाई दोषी मुसलमानों की जायदाद से हो - सुरेश चव्हाणके

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वो मंज़र सबको याद है जब पूरे भारत ने दिल खोल कर गुरमीत पर हुई कार्यवाही का समर्थन किया था , हर किसी के मुँह पर था की क़ानून और राष्ट्र से बढ़ कर कोई भी नहीं और सब गुरमीत के साथ उन उत्पातियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे थे . शायद ही कोई राष्ट्रभक्त रहा हो जिसने खुले तौर पर गुरमीत के साथ कड़ाई से पेश आने की इच्छा ना रखी रही हो . हर तरफ सिर्फ एक ही शोर था की गुरमीत को फ़ौरन कठोर से कठोर सज़ा दी जाय . और जब अदालत का आदेश आया की हर नुक्सान की भरपाई होगी गुरमीत सम्पत्ति जब्त कर के की जायेगी तब हर राष्ट्रभक्त ने इस फैसले का खुल कर स्वागत किया था . इसके अलावा सबकी जुबान पर एक ही प्रार्थना थी की परमात्मा हमारे जवानो को गुरमीत के उत्पातियों से दूर रखे .




अब ठीक वही हालत बने हैं गुलाबी नगरी जयपुर में जो वीरभूमि राजस्थान की राजधानी है . वहां अशांति फैलाई है शान्ति के उन दुश्मनो ने जो कहीं न कहीं परोक्ष रूप से आये दिन भारत के किसी न किसी हिस्से को अपना निशाना बना रहे हैं . उन्होंने अमन चैन और समाज को घायल कर रखा है . फिर हर तरफ से उनका आतताइयों का ही समर्थन क्यों ? कितनी जुबानो पर किसी ने देखा की इस दंगे , तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं की निंदा हो रही हो ? शायद नहीं क्योकि जो रोहिंग्या जैसे क्रूर हत्यारे के साथ खड़े हो सकते हैं उन्हें मानवता आदि की आशा बेमानी है .



पर समानता का अधिकार और कानून सबके लिए बराबर जैसे शब्दों को चरितार्थ करने के लिए अब ये जरूरी है की जो न्याय गुरमीत के साथ हुआ था अब वही न्याय होना चाहिए जयपुर के उन दंगाइयों के साथ जिनके पाप उन बवालियों से कहीं ज्यादा गहरे हैं .. अब समय ये आ गया है की जिस प्रकार से गुरमीत की सम्पत्ति को बेच कर हरियाणा के नुकसान की भरपाई हुई है ठीक वैसे ही उन सभी दंगाई मुसलमानो की जायदाद को हड़प कर जयपुर के घाव भरे जाएँ . इस प्रकार का निर्णय यकीनन कार्यपालिका और न्याय पालिका में सामान्य जनमानस की आस्था को सुदृढ़ करेगा और उन्हें माकूल जवाब भी देगा जो कानूनों को छोटा और बड़ा के अनुपात में नाप कर समाज को गलत संदेश देते हैं .




हिन्दुस्थान की जनता को अब उस घोषणा की प्रतीक्षा है जिसमे जयपुर के दंगों की भरपाई के लिए उन सभी दोषी मुस्लिमों की सम्पत्तियाँ जब्त की जायेगी जिन्होंने गुलाबी शहर को खून से रंगने की हर कोशिश कर डाली . जिनके निशाने पर वो वर्दी वाले जांबाज़ हैं जो भारत के अंदर के शत्रुओं से हमारी रक्षा करते हैं . उन पर हुआ हमला कानून और शासन प्रशासन पर हुए हमले के समान है जिसकी कानूनी सज़ा मृत्यु दंड तो होनी ही चाहिए साथ ही आर्थिक दंड उनकी सम्पत्तियों को जब्त कर के मुआवजे के रूप में बाँट कर दिया जाय . जन मानस की इस आवाज एक भागीदार बनिये और हमारे साथ आवाज उठायें ठीक उस न्याय के लिए कुछ अभी कुछ दिन ही पहले पंचकूला में हुआ था 

source by-http://www.sudarshannews.com
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